Edible Oils : केंद्र ने राज्यों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया कि
उपभोक्ताओं को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए आयात शुल्क में की गई
कटौती के बाद खाद्य तेलों की कीमतें घटे
पत्र 8 प्रमुख तेल उत्पादक राज्यों को भेजा गया
Edible Oils : नई दिल्ली : आयात शुल्क में कटौती से उपभोक्ताओं को खासकर त्योहारी सीजन में राहत मिलेगी
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने सभी प्रमुख तेल उत्पादक राज्यों को
यह सुनिश्चित करने के लिए उचित एवं तत्काल कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है
कि खाद्य तेलों की कीमतों को आयात शुल्क में कटौती के अनुरूप स्तर पर लाया जाए।
यह पत्र राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल,
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को लिखा गया है जो प्रमुख तेल उत्पादक राज्य हैं।
निर्देश में कहा गया है कि अब राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि
खाद्य तेलों की मौजूदा उच्च कीमतों से तत्काल राहत प्रदान करने के लिए केंद्र द्वारा की गई
शुल्क में कमी का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाए
शुल्क में कमी का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाए आगामी त्योहारी सीजन में।
इससे खाद्य मुद्रास्फीति को कम करने में भी मदद मिलेगी
और खाद्य तेलों की कीमतों में 15 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम
(लगभग) की कमी किए जाने से आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
पिछले एक साल से खाद्य तेलों की कीमतों में हो रही लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए
केंद्र सरकार ने कच्चे पाम ऑयल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर
बुनियादी शुल्क को 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया है।
इन तेलों पर कृषि उपकर में भी भी कटौती की गई है
जिसे कच्चे पाम ऑयल के लिए 20 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत और
कच्चे सोयाबीन तेल एवं कच्चे सूरजमुखी तेल के लिए 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
आरबीडी पामोलिन ऑयल, रिफाइंड सोयाबीन तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर
मौजूदा 32.5 फीसी के बुनियादी शुल्क को घटाकर 17.5 फीसदी कर दिया गया है।
शुल्क में कटौती 14 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक प्रभावी रहेगी।
आज की कटौती से पहले सभी कच्चे खाद्य तेलों पर कृषि बुनियादी ढांचा उपकर 20 प्रतिशत था।
कटौती के बाद कच्चे पाम ऑयल पर प्रभावी शुल्क 8.25 प्रतिशत होगा
जबकि कच्चे सोयाबीन तेल एवं कच्चे सूरजमुखी तेल में से प्रत्येक के लिए 5.5 प्रतिशत होगा।
पहले कच्चे पाम ऑयल, कच्चे सूरजमुखी तेल व कच्चे सोयाबीन तेल के लिए शुल्क
22.5 प्रतिशत और आरबीडी पामोलिन, रिफाइंड सोयाबीन तेल एवं
रिफाइंड सूरजमुखी तेल के लिए शुल्क 32.5 प्रतिशत था।
कच्चे पाम ऑयल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के लिए
शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया गया है।
जबकि आरबीडी पामोलिन, रिफाइंड सोयाबीन तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल
के लिए शुल्क में 17.5 प्रतिशत की कटौती की गई है।
भारत सरकार के इस कदम से देश में खाद्य तेलों की घरेलू कीमतों में नरमी आएगी।
इससे उपभोक्ताओं को 15 से 20 प्रति किलो खाद्य तेल का फायदा होगा।