“अमृत काल हमें एक मजबूत, विकसित और समावेशी भारत की दिशा में काम करने का अवसर देता है”
“प्रत्येक मीडिया हाउस ने बड़ी ईमानदारी के साथ स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाया”
“मीडिया ने योग, फिटनेस और बेटी बचाओ, बेटी पढाओ को लोकप्रिय बनाने में बहुत उत्साहजनक भूमिका निभाई है”
“भारत के प्रतिभाशाली युवाओं की शक्ति से हमारा देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है”
“हमारे प्रयासों का मार्गदर्शक सिद्धांत है – आने वाली पीढ़ियों के लिए वर्तमान की तुलना में बेहतर जीवन शैली सुनिश्चित हो”
New Delhi :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मातृभूमि के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने अखबार की यात्रा में शामिल सभी प्रमुख हस्तियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी के आदर्शों की प्रेरणा से मातृभूमि की स्थापना भारत के स्वतंत्रता संग्राम को मजबूत करने के लिए हुई थी।” उन्होंने हमारे देश के लोगों को औपनिवेशिक शासन के खिलाफ एकजुट करने के लिए पूरे भारत में स्थापित समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की गौरवशाली परंपरा में इस अखबार को भी स्थान दिया।
प्रधानमंत्री ने लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, गोपाल कृष्ण गोखले, श्यामजी कृष्ण वर्मा और अन्य लोगों का उदाहरण दिया, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने कार्यों के लिए अखबार का उपयोग किया। आपातकाल के दौरान भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए, उन्होंने श्री एम.पी. वीरेंद्र कुमार के प्रयासों को विशेष रूप से याद किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वराज्य के लिए स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हमें अपने जीवन का बलिदान करने का अवसर नहीं मिला, “लेकिन यह अमृत काल हमें एक मजबूत, विकसित और समावेशी भारत की दिशा में काम करने का अवसर देता है।“ उन्होंने न्यू इंडिया के अभियानों पर मीडिया के सकारात्मक प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन का उदाहरण दिया, जहां हर मीडिया हाउस ने इस मिशन को बड़ी गंभीरता से लिया। इसी तरह योग, फिटनेस और बेटी बचाओ, बेटी पढाओ को लोकप्रिय बनाने में मीडिया ने बहुत उत्साहजनक भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, “ये राजनीति और राजनीतिक दलों के क्षेत्र से बाहर के विषय हैं। ये आने वाले वर्षों में एक बेहतर राष्ट्र बनाने के बारे में हैं।”
प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि मीडिया; स्वतंत्रता संग्राम की अल्प-ज्ञात घटनाओं, गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों एवं संघर्ष से जुड़े स्थानों को उजागर करने के प्रयासों को बढ़ावा दे सकता है। इसी तरह, समाचार पत्र गैर-मीडिया पृष्ठभूमि के लेखकों को मंच देने और उन क्षेत्रों में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने का एक शानदार तरीका हो सकता है, जहां वे नहीं बोली जाती हैं।
I am glad to be addressing this programme to mark the centenary celebrations of Mathrubhumi.
On this occasion, my greetings to those associated with this newspaper: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) March 18, 2022
वर्त्तमान समय में भारत से दुनिया की अपेक्षाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने महामारी से निपटने में असमर्थता की प्रारंभिक अटकलों को खारिज कर दिया। दो साल तक 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन मिला। वैक्सीन की 180 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा, “भारत के प्रतिभाशाली युवाओं की शक्ति से हमारा देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। इस सिद्धांत के मूल में भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनाना है, जो घरेलू और वैश्विक जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो।“ अभूतपूर्व सुधार किये गए हैं, जिनसे आर्थिक प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।
स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की गईं हैं। उन्होंने कहा कि भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम कभी भी इतना अधिक जीवंत नहीं रहा है। पिछले 4 वर्षों में, यूपीआई लेनदेन की संख्या 70 गुना से अधिक बढ़ गई है।
श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन पर 110 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री गतिशक्ति, बुनियादी ढांचे और शासन को और अधिक सहज बनायेगी। उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं कि भारत के हर गाँव में हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी हो। हमारे प्रयासों का मार्गदर्शक सिद्धांत है – आने वाली पीढ़ियों के लिए वर्तमान की तुलना में बेहतर जीवन शैली सुनिश्चित हो।“