देहरादून: उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पत्रकारों को बताया कि उत्तराखंड विधानसभा में कथित तौर पर नियम विरुद्ध हुई नियुक्ति को लेकर उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं
विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है इसकी गरिमा को बनाए रखना मेरा दायित्व ही नहीं, कर्तव्य भी है, मैं किसी को भी निराश नहीं करूंगी.
सेवानिवृत्त आईएएस दिलीप कोटिया की अध्यक्षता वाली एक तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच कमेटी अपना काम करेगी.
यह विशेषज्ञ कमेटी 1 माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी इस दौरान विधानसभा सचिव को अवकाश पर रहने के निर्देश दिए गए हैं आवश्यकता पड़ने पर विधानसभा सचिव जांच कमेटी को अपना सहयोग करेंगे.
स्पीकर ऋतु खंडूरी ने कहा कि यह एक्सपर्ट कमेटी दो चरणों में विधानसभा में नियुक्तियों की जांच करेगी
पहला वर्ष 2000 से 2011 तक की नियुक्तियां है और दूसरे चरण में वर्ष 2012 से लेकर 2022 तक की नियुक्तियां है.
इस जांच समिति के द्वारा वर्ष 2012 से 22 के बीच हुई विधानसभा नियुक्तियों पर पहले जांच की जाएगी क्योंकि इस दौरान उत्तराखंड में अपनी भर्ती नियमावली तैयार कर ली थी जिसके अनुसार यह भर्तियां की गई है .
आवश्यकता पड़ने पर साल 2000 से लेकर 2011 के बीच की नियुक्तियों की भी जांच की जाएगी इस दौरान उत्तर प्रदेश की नियमावली के अनुसार भर्तियां की गई है.
स्पीकर ऋतु खंडूरी ने कहा कि मैंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर की है जिनका कहना है कि ना मैं खाऊंगा ना मैं किसी को खाने दूंगा.
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने कहा कि वह पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ इस जांच रिपोर्ट को कड़ाई के साथ सबके सामने प्रस्तुत करेंगी.
स्पीकर ऋतु खंडूरी ने कहा कि विधानसभा सचिव मुकेश सिंगल को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेशों तक अवकाश पर भेजा जा रहा है इस दौरान जब भी एक्सपर्ट कमेटी के द्वारा उन्हें जांच के लिए बुलाया जाएगा तब तब वह जांच में सहयोग करेंगे.पदोन्नति भी इस जांच के दायरे में आएंगी.
पूर्व प्रमुख सचिव डीके कोटिया की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई गई है जिसमें पूर्व कार्मिक सचिव सुरेंद्र सिंह रावत, पूर्व आईएएस अवनींद्र सिंह नयाल इस जांच समिति के सदस्य हैं.