श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हुए।
• मां गंगा जी की उत्सव डोली पहुंचेगी शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा।
• कल 6 नवंबर को बंद होगे श्री केदारनाथ धाम एवं श्री यमुनोत्री धाम के कपाट।
• 20 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
बद्रीनाथ अथवा बद्रीनारायण मन्दिर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में
अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित एक हिन्दू मन्दिर है।
यह हिंदू देवता विष्णु को समर्पित मंदिर है और यह स्थान इस धर्म में वर्णित सर्वाधिक पवित्र स्थानों,
चार धामों, में से एक यह एक प्राचीन मंदिर है
जिसका निर्माण ७वीं-९वीं सदी में होने के प्रमाण मिलते हैं।
गंगोत्री/ उत्तरकाशी/ देहरादून :उत्तराखंड चारधाम में एक श्री गंगोत्री धाम के कपाट
आज गोवर्धन पूजा के दिन पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट पर बंद हो गये।
Shree Badrinath Dham Kapat :
गंगोत्री मंदिर समिति के तीर्थ पुरोहितों एवं आचार्यगणों की उपस्थिति में कपाट विधि-विधान से कपाट बंद हुए
इस अवसर पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री एवं स्थानीय लोग मौजूद रहे।
कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली विभिन्न पड़ावों से
होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा पहुंचेगी। तीर्थ पुरोहितों के हवाले से यह जानकारी मिली है।
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जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने बताया कि
इस यात्रा वर्ष 32948 से अधिक तीर्थयात्री गंगोत्री धाम दर्शन के दर्शन किये।
कोरोना काल के बावजूद यात्रा में तीर्थयात्रियों के आने का क्रम जारी रहा।
यात्रा ब्यवस्थाओं को ब्यवस्थित बनाया गया।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि
आज शुक्रवार गोवर्धन पूजा/ अन्नकूट पूजा के दिन श्री गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के
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बाद कल शनिवार प्रात: भैया दूज यम द्वितीया पर श्री केदारनाथ धाम एवं श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो जायेंगे।
श्री केदारनाथ भगवान की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।
इसी तरह श्री यमुनोत्री माता की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल खरसाली पहुंचेगी।
जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
बताया कि अभी तक साढ़े चार लाख तीर्थयात्री उत्तराखंड चारधाम पहुंच गये है।
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