Radio Over Internet Protocol: कोलकाता श्यामा प्रसाद मुखर्जी पत्तन में रेडियो ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल प्रणाली किया गया उद्घाटन

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वीओआईपी संचार

Radio Over Internet Protocol: भारत के प्रमुख पत्तनों में पहली बार

कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी पत्तनमें रेडियो ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल

प्रणाली का उद्घाटन किया गया

New Delhi : प्रभावकारी लंबी दूरी की समुद्री संचार प्रदान करने के लिए एक बहुत जरूरी समाधान के रूप में

कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट (एसएमपी, कोलकाता) में रेडियो ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल

Radio Over Internet Protocol: (आरओआईपी) प्रणाली का उद्घाटन किया गया।

किसी भी प्रमुख भारतीय पत्तन में पहली बार आरओआईपी प्रणाली को

एक समुद्री संचार माध्यम के रूप में पेश किया जा रहा है।

यह कोलकाता से सैंड हेड्स तक पूरी हुगली नदी के मुहाने को कवर करेगा,

जिसमें 4 स्थानों पर बेस स्टेशन होंगे।

Radio Over Internet Protocol इस सुविधा के जरिए कोलकाता से, विशेष रूप से तूफान और खराब मौसम के दौरान,

सैंड हेड्स के जहाजों को रेडियो के माध्यम से सीधे संचार संपर्क किया जा सकता है।

एसएमपी, कोलकाता के अध्यक्ष विनीत कुमार ने इस विकास की सराहना की है।

उन्होंने कहा कि देश में एकमात्र नदी बंदरगाह होने के बावजूदएसएमपी,

कोलकाता पिछले 152 वर्षों से लगातार भारत के प्रमुख बंदरगाहों में अपनी महत्वपूर्ण स्थिति बनाए हुए है।

क्या होता है वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल

वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल या वोआईपी ( Voice over Internet Protocol/VoIP)

कंप्यूटर द्वारा संचार का एक तुल्यकालिक कॉन्फ्रेन्सिंग साधन है।

इसका प्रयोग प्रसारण तकनीक के लिए किया जाता है।

इस तकनीक में ध्वनि संचार अंतर्जाल (वॉयस कम्युनिकेशन इंटरनेट) या

पैकेट स्विच नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है।

 इंटरनेट टेलीफोनी, आईपीटेलीफोनी को वीओईपी के समानरूप में प्रयोग किया जाता है।

यदि इंटरनेट ब्रॉडबैंड नेटवर्क के माध्यम से चल रहा है, तो इसे ब्रॉडबैंड टेलीफोनी व ब्रॉडबैंड फोन कहते हैं।

यह सेवा अन्य समानांतर सेवाओं से अपेक्षाकृत सस्ती होती है।

[1] यह दूरभाष सेवा आईपीटीवी सेवा के संग भी मिलती है।

[2] यह सेवा मोबाइल सेवा से भी सस्ती होती है और इंटरनेट पर तो इसे मुफ्त भी प्रयोग किया जा सकता है।

लाभ

वीओआईपी संचार और अवसंरचना की कीमत कम कर देता है।

यह वाणी पाठ संपीड़न यानि स्पीच डाटा कंप्रेशन तकनीक का प्रयोग करता है,

जिसके कारण यह डाटा रेट कम करता है।

वीओआईपी का डुप्लीकेट नेटवर्क सिस्टम बनाना सरल नहीं है,

इस कारण इसकी टैपिंग आदि का खतरा नहीं है।

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