Karwa Chauth 2021 जाने करवा चौथ शुभ मुहूर्त और कथा

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karva Chauth 2021

Karwa Chauth 2021 :करवा चौथ के दिन मां पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय एवं गणेश सहित शिव परिवार का पूजन किया जाता है।

मां पार्वती से सुहागिनें अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।

इस दिन करवे में जल भरकर कथा सुनी जाती है।

महिलाएं सुबह सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलती हैं।

Karwa Chauth 2021 शुभ मुहूर्त करवा चौथ

करवा चौथ पर पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्तूबर 2021 को

शाम के समय यानी 06 बजकर 55 मिनट से लेकर रात के लगभग 9 बजे तक रहेगा।

इसके अलावा करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय रात के 8 बजकर 12 मिनट पर रहेगा।

 अलग-अलग जगहों पर चांद के निकलने का समय थोडा आगे पीछे रहेगा।

करवा चौथ पूजन कथा 

साहूकार के सात लड़के, एक लड़की की कहानी:

एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी।

एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित

उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा।

रात्रि के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो

उन्होंने अपनी बहन से भी भोजन कर लेने को कहा। इस पर बहन ने कहा- भाई, अभी चांद नहीं निकला है।

चांद के निकलने पर उसे अर्घ्य देकर ही मैं आज भोजन करूंगी।

साहूकार के बेटे अपनी बहन से बहुत प्रेम करते थे,

उन्हें अपनी बहन का भूख से व्याकुल चेहरा देख बेहद दुख हुआ।

साहूकार के बेटे नगर के बाहर चले गए और वहां एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि जला दी।

घर वापस आकर उन्होंने अपनी बहन से कहा- देखो बहन, चांद निकल आया है।

अब तुम उन्हें अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करो। साहूकार की बेटी ने अपनी भाभियों से कहा-

देखो, चांद निकल आया है, तुम लोग भी अर्घ्य देकर भोजन कर लो।

ननद की बात सुनकर भाभियों ने कहा- बहन अभी चांद नहीं निकला है,

तुम्हारे भाई धोखे से अग्नि जलाकर उसके प्रकाश को चांद के रूप में तुम्हें दिखा रहे हैं।

साहूकार की बेटी अपनी भाभियों की बात को अनसुनी करते हुए

भाइयों द्वारा दिखाए गए चांद को अर्घ्य देकर भोजन कर लिया।

इस प्रकार करवा चौथ का व्रत भंग करने के कारण विघ्नहर्ता भगवान

श्री गणेश साहूकार की लड़की पर अप्रसन्न हो गए।

गणेश जी की अप्रसन्नता के कारण उस लड़की का पति बीमार पड़ गया

और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में लग गया।

साहूकार की बेटी को जब अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो

उसे बहुत पश्चाताप हुआ। उसने गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की और

फिर से विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया।

उसने उपस्थित सभी लोगों का श्रद्धानुसार आदर किया और तदुपरांत उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया।

इस प्रकार उस लड़की के श्रद्धा-भक्ति को देखकर एकदंत भगवान गणेश जी

उसपर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान प्रदान किया।

से सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर दिया।

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