Mountaineers and Trackers : माउंटेनियर्स और ट्रैकर्स के लिए रिस्टबैंड की हो व्यवस्था : डॉ. एस.एस. संधु

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Mountaineers and Trackers :मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में पर्यटन विभाग की

समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि माउंटेनियर्स और ट्रैकर्स के

लिए रिस्टबैंड की व्यवस्था की जाए,

Mountaineers and Trackers :ताकि उन्हें सैटेलाईट व अन्य माध्यमों से उनकी लोकेशन की जानकारी मिल सके।

सर्च ऑपरेशन्स में इससे काफी सहायता मिलेगी।

Mountaineers and Trackers : उन्होंने कहा कि पर्वतारोहियों एवं ट्रैकर्स की सुरक्षा के लिए अन्य आवश्यक इंतजाम भी सुनिश्चित किए जाएं

  देहरादून : मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा सीजनल होती है,

परन्तु ऑफ सीजन टूरिज्म की व्यापक सम्भावनाएं है।

इन्हें तलाशते हुए योजनाएं तैयार की जाएं।

उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले कनेक्टिविटी पर कार्य किया जाए।

हेलीपैड्स एवं हेलीपोर्ट्स के निर्माण पर शीर्घ से शीघ्र कार्य किया जाए।

पर्यटन स्थलों में हेलीपैड्स विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जाए।

उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पर्यटन विकास की बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं,

परन्तु कनेक्टिविटी के कारण पिछड़ रहे हैं, उन क्षेत्रों में प्राथमिकता पर फोकस किया जाए।
       मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों पर हर 20, 30 किलोमीटर पर

पानी व टॉयलेट आदि की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं,

ताकि यात्रियों और आमजन को परेशानी का सामना न करना पड़े।

इसके लिए सुचारू संचालन के लिए छोटी-छोटी शॉप्स आदि की व्यवस्था की जा सकती हैं।

उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर सभी उम्र के पर्यटकों के अनुसार सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए।

युवा वर्ग टेक्नोलॉजी का बहुत प्रयोग करता है।

युवाओं को प्रत्येक जानकारी फोन पर चाहिए इसके लिए ऐसी ऐप और वेबसाईट तैयार की जाए

जिस पर हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो,

परन्तु वृद्धों के लिए ऑफलाईन जानकारियों की व्यवस्था भी रखी जाए।

ऐप और वेबसाईट को सिटीजन फ्रेंडली एवं ईज़ी टू यूज बनाया जाए।

पर्यटन स्थलों को बच्चों के सैर-सपाटे के अनुरूप भी विकसित किया जाना चाहिए।
       मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों में पर्यटन की सम्भावना होने के बावजूद,

सुविधाओं के अभाव के कारण यह सब सम्भव नहीं हो पा रहा है,

वहां रिसोर्ट विकसित किए जा सकते हैं,

जिन्हें शुरुआत में जीएमवीएन एवं केएमवीएन के माध्यम से चलाकर

प्रॉफिट गेनिंग होने पर बेचा जा सकता है

और उस पैसे से नई जगह डेवेलप की जा सकती हैं।

इससे प्रदेश में अनेक पर्यटन स्थल विकसित हो जाएंगे।

उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाए।
      मुख्य सचिव ने सभी कार्य योजनाओं पर समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए।

प्रत्येक कार्य के लिए समयसीमा पूर्व में ही निर्धारित की जाएं।

प्रत्येक योजना को साप्ताहिक अथवा पाक्षिक मॉनिटरिंग की जाए,

ताकि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण हो सके।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को मार्केटिंग और पब्लिसिटी पर भी विशेष फोकस किए जाने के निर्देश दिए।

 इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत एवं सीईओ युकाडा स्वाति भदौरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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